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बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2634
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 गृहविज्ञान

प्रश्न- गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।

अथवा

स्त्री के गर्भवती होने के कौन-कौन से लक्षण हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

गर्भावस्था के लक्षण
(Symptoms of Pregnancy)

गर्भधारण के बाद शुक्राणु के निषेचित होने के परिणामस्वरूप अण्डाणु में बहुगुणन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और जब शुक्राणु गर्भाशय में पहुँच जाते हैं तो गर्भवस्था के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। एक गर्भवती स्त्री में दो प्रकार के लक्षण पाये जाते हैं

1. प्राथमिक लक्षण (Primary Symptoms) गर्भावस्था के ऐसे लक्षण जिन्हें गर्भवती स्त्री स्वयं महसूस कर सकती है प्राथमिक लक्षण कहलाते हैं। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित लक्षण आते हैं.

(i) मासिक धर्म का बन्द होना (Amenorrhoea) मासिक धर्म का बन्द हो जाना गर्भ का एक सुनिश्चित लक्षण होता है। कुछ स्त्रियों में मासिक धर्म नियमित रूप से नहीं होता है तथा गर्भाधान न होने पर भी मासिक धर्म कभी एक दो महीने या कुछ दिन देर से होता है। ऐसी स्थिति में गर्भाधान न होने पर भी गर्भाधान का भ्रम बना रहता है। किन्तु यदि स्त्री को लगातार दो महीने तक मासिक धर्म न हो तो गर्भाधान की पूर्ण सम्भावना हो जाती है।

(ii) जी मिचलाना तथा वमन (Nausea and Vomiting) - प्रातः काल जी मिचलाना तथा उल्टी होना गर्भावस्था का दूसरा प्रमुख लक्षण है। गर्भधारण से लेकर 6वें से 12वें सप्ताह तक यह लक्षण देखने को अधिक मिलता है। यह आवश्यक नहीं है कि यह शिकायत प्रत्येक गर्भवती स्त्री को हो। कुछ स्त्रियों को इस प्रकार की शिकायत बिल्कुल नहीं होती है। यह लक्षण रक्त में 'गोनेडोट्रोपिक हॉर्मोन के प्रभाव से आमाशय की गतिविधियों पर नियंत्रण कम हो जाने के कारण प्रकट होता है।

(iii) बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा होना (Frequency of Micturition) गर्भावस्था में गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा होने लगती है। यह शिकायत प्रथम तीन माह तक अधिक पायी जाती है। इसके बाद यह शिकायत कम हो जाती है किन्तु 'गर्भावस्था के अन्तिम माह में फिर इसकी शिकायत बढ़ जाती है क्योंकि इस समय तक भ्रूण का पूर्ण विकास हो चुका होता है जिसके कारण मूत्राशय पर दबाव अधिक पड़ता और बार-बार मूत्र आने की शिकायत होती है। मूत्राशय पर दबाव अधिक पड़ने के कारण कभी-कभी गर्भवती स्त्री को बहुत असुविधा तथा पीड़ा का सामना करना पड़ता है।

(iv) पेट का बढ़ना (Abdominal Enlargement) गर्भावस्था में भ्रूण के विकास के साथ साथ पेट के आकार में वृद्धि होने लगती है। पेट के आकार में परिवर्तन गर्भ के दूसरे माह के अन्त में पता चलता है। दूसरे माह के अन्त तक गर्भवती स्त्री का पेट साधारण स्त्री के पेट की अपेक्षा थोड़ा चपटा हो जाता है। तीसरे माह के अन्त तक पेट का आकार चपटे के स्थान पर कुछ अण्डाकार दिखाई देने लगता है। पाँचवें माह के अन्त तक पेट काफी उभारदार उठान वाला हो जाता है। इस समय माँ स्वयं बच्चे की हलचल को अनुभव कर सकती है।

(v) स्तनों के आकार में परिवर्तन (Change in Size of Breast) गर्भावस्था के दूसरे माह तक स्त्री के स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है। स्तन कुछ कड़े हो जाते हैं तथा कभी-कभी पीड़ा अनुभव होने लगती है। निप्पल के आस-पास का भाग गाढ़े काले रंग का हो जाता है। तीसरे माह के अन्त तक स्तन को दबाने पर कभी-कभी निप्पल से गाढ़ा सफेद रंग का तरल पदार्थ भी स्त्रावित होता है। सामान्यतया पहली बार माँ बनने वाले स्त्रियों में ऐसे लक्षण अधिक पाये जाते हैं।

(vi) भ्रूण की सक्रियता ( Quickinging) 18 से 20 सप्ताह के बीच गर्भवती स्त्री को यह महसूस होने लगता है कि उसके उदर में कोई सजीव वस्तु गतिशील है। प्रथम हलचल के दौरान गर्भवती स्त्री को चक्कर आ सकते हैं, वह बेहोश हो सकती है अथवा उसे जी मिचलाने में वमन की शिकायत हो सकती है। भ्रूण द्वारा प्रथम बार की गई गति के आधार पर प्रसव की तिथि निश्चित की जा सकती है।

2. मुख्य लक्षण (Main Symptoms) - जो लक्षण डॉक्टर या अनुभवी नर्स द्वारा परीक्षण के आधार पर जाने जाते हैं उन्हें मुख्य लक्षण कहते हैं। इसके अन्तर्गत गर्भावस्था के निम्नलिखित लक्षण स्पष्ट होते हैं

(i) हॉरमोन्स का प्रभावी होना (Dominance of Hormones) नलिकाविहीन ग्रन्थियों से निकलने वाले हॉरमोन्स में परिवर्तन आता है। इस अवस्था में थायराइड ग्रन्थि के आधार पर वृद्धि हो जाती है तथा काफी आयोडीन मूत्र द्वारा निष्काषित हो जाता है।

(ii) अन्तः उदरीय रक्तचाप में वृद्धि (Increase in Intra- abdominal Blood Pressure) इस अवस्था में गर्भवती स्त्री के अन्तः उदरीय रक्तचाप में वृद्धि हो जाती है। अतः पैरों की पेशियों में कष्टदायक संकुचन होते हैं। इसके अतिरिक्त पैरों में सूजन आ जाती है तथा योनि मार्ग और पैर की शिराएँ फूल जाती हैं।

(iii) नाड़ी संस्थान में परिवर्तन (Changes in Nervous System) नाड़ी संस्थान के परिवर्तनों के कारण गर्भवती स्त्री के स्वभाव पर अत्यन्त गहरा प्रभाव पड़ता है। नाड़ी संस्थान में परिवर्तन होने से सुस्ती, नींद का न आना, चिड़चिड़ापन, काल्पनिक भय, चिन्ता, मुँह सूखना, पसीना आना, निराशा का भाव आना आदि लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं।

(iv) त्वचा में परिवर्तन (Cutaneous Changes) - गर्भावस्था के दौरान रक्त में एक विशेष प्रकार का हॉरमोन स्रावित होने के कारण तथा त्वचा के नीचे की स्वेद और वसीय ग्रन्थियों की अधिक क्रियाशीलता के कारण गर्भवती स्त्री के मुँह पर, नाक, आँख के नीचे, गालों पर तथा स्तन की निप्पल के आस-पास रंग गहरा भूरा-सा हो जाता है।

(v) श्वसन संस्थान में परिवर्तन (Changes in Respiratory System) गर्भावस्था में गर्भवती स्त्री का वजन तथा शरीर का क्षेत्रफल बढ़ जाने के कारण उसकी ऑक्सीजन की माँग 10-32 प्रति मिनट बढ़ जाती है। गर्भावस्था में पित्त रस एवं प्रोटोस्टरोल अधिक निर्मित होने लगते हैं और यकृत अधिक होने लगता है।

(vi) डायाफ्राम पर दबाव (Pressure on Diaphragm) - इस अवस्था में डायाफ्राम पर इतना अधिक दबाव पड़ने लगता है कि गर्भवती स्त्री को साँस लेने में कठिनाई होती है। श्वास 'ऊपर की ओर चलती और खुली हवा की आवश्यकता अनुभव होती है। हृदय की धड़कन में भी वृद्धि हो जाती है।

(vii) हल्का होने का अनुभव (Lightening) - प्रसव के दो-तीन सप्ताह पूर्व लक्षणों में अचानक परिवर्तन होते हैं। भ्रूण का सिर नीचे की ओर आ जाता है जिसके कारण उदरीय चाप कम हो जाता है और गर्भवती स्त्री स्वयं को हल्का महसूस करने लगती है। इस दशा को 'हल्का होने का अनुभव कहते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- पारम्परिक गृह विज्ञान और वर्तमान युग में इसकी प्रासंगिकता एवं भारतीय गृह वैज्ञानिकों के द्वारा दिये गये योगदान की व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- NIPCCD के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- 'भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद' (I.C.M.R.) के विषय में विस्तृत रूप से बताइए।
  4. प्रश्न- केन्द्रीय आहार तकनीकी अनुसंधान परिषद (CFTRI) के विषय पर विस्तृत लेख लिखिए।
  5. प्रश्न- NIPCCD से आप समझते हैं? संक्षेप में बताइये।
  6. प्रश्न- केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान के विषय में आप क्या जानते हैं?
  7. प्रश्न- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- कोशिका किसे कहते हैं? इसकी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए तथा जीवित कोशिकाओं के लक्षण, गुण, एवं कार्य भी बताइए।
  9. प्रश्न- कोशिकाओं के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- प्लाज्मा झिल्ली की रचना, स्वभाव, जीवात्जनन एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया कोशिका का 'पावर हाउस' कहलाता है। इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  12. प्रश्न- केन्द्रक के विभिन्न घटकों के नाम बताइये। प्रत्येक के कार्य का भी वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- केन्द्रक का महत्व समझाइये।
  14. प्रश्न- पाचन तन्त्र का सचित्र विस्तृत वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- पाचन क्रिया में सहायक अंगों का वर्णन कीजिए तथा भोजन का अवशोषण किस प्रकार होता है?
  16. प्रश्न- पाचन तंत्र में पाए जाने वाले मुख्य पाचक रसों का संक्षिप्त परिचय दीजिए तथा पाचन क्रिया में इनकी भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- आमाशय में पाचन क्रिया, छोटी आँत में भोजन का पाचन, पित्त रस तथा अग्न्याशयिक रस और आँत रस की क्रियाविधि बताइए।
  18. प्रश्न- लार ग्रन्थियों के बारे में बताइए तथा ये किस-किस नाम से जानी जाती हैं?
  19. प्रश्न- पित्ताशय के बारे में लिखिए।
  20. प्रश्न- आँत रस की क्रियाविधि किस प्रकार होती है।
  21. प्रश्न- श्वसन क्रिया से आप क्या समझती हैं? श्वसन तन्त्र के अंग कौन-कौन से होते हैं तथा इसकी क्रियाविधि और महत्व भी बताइए।
  22. प्रश्न- श्वासोच्छ्वास क्या है? इसकी क्रियाविधि समझाइये। श्वसन प्रतिवर्ती क्रिया का संचालन कैसे होता है?
  23. प्रश्न- फेफड़ों की धारिता पर टिप्पणी लिखिए।
  24. प्रश्न- बाह्य श्वसन तथा अन्तःश्वसन पर टिप्पणी लिखिए।
  25. प्रश्न- मानव शरीर के लिए ऑक्सीजन का महत्व बताइए।
  26. प्रश्न- श्वास लेने तथा श्वसन में अन्तर बताइये।
  27. प्रश्न- हृदय की संरचना एवं कार्य का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- रक्त परिसंचरण शरीर में किस प्रकार होता है? उसकी उपयोगिता बताइए।
  29. प्रश्न- हृदय के स्नायु को शुद्ध रक्त कैसे मिलता है तथा यकृताभिसरण कैसे होता है?
  30. प्रश्न- धमनी तथा शिरा से आप क्या समझते हैं? धमनी तथा शिरा की रचना और कार्यों की तुलना कीजिए।
  31. प्रश्न- लसिका से आप क्या समझते हैं? लसिका के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- रक्त का जमना एक जटिल रासायनिक क्रिया है।' व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- रक्तचाप पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- हृदय का नामांकित चित्र बनाइए।
  35. प्रश्न- किसी भी व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति का रक्त क्यों नहीं चढ़ाया जा सकता?
  36. प्रश्न- लाल रक्त कणिकाओं तथा श्वेत रक्त कणिकाओं में अन्तर बताइए?
  37. प्रश्न- आहार से आप क्या समझते हैं? आहार व पोषण विज्ञान का अन्य विज्ञानों से सम्बन्ध बताइए।
  38. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए। (i) चयापचय (ii) उपचारार्थ आहार।
  39. प्रश्न- "पोषण एवं स्वास्थ्य का आपस में पारस्परिक सम्बन्ध है।' इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  40. प्रश्न- अभिशोषण तथा चयापचय को परिभाषित कीजिए।
  41. प्रश्न- शरीर पोषण में जल का अन्य पोषक तत्वों से कम महत्व नहीं है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- भोजन की परिभाषा देते हुए इसके कार्य तथा वर्गीकरण बताइए।
  43. प्रश्न- भोजन के कार्यों की विस्तृत विवेचना करते हुए एक लेख लिखिए।
  44. प्रश्न- आमाशय में पाचन के चरण लिखिए।
  45. प्रश्न- मैक्रो एवं माइक्रो पोषण से आप क्या समझते हो तथा इनकी प्राप्ति स्रोत एवं कमी के प्रभाव क्या-क्या होते हैं?
  46. प्रश्न- आधारीय भोज्य समूहों की भोजन में क्या उपयोगिता है? सात वर्गीय भोज्य समूहों की विवेचना कीजिए।
  47. प्रश्न- “दूध सभी के लिए सम्पूर्ण आहार है।" समझाइए।
  48. प्रश्न- आहार में फलों व सब्जियों का महत्व बताइए। (क) मसाले (ख) तृण धान्य।
  49. प्रश्न- अण्डे की संरचना लिखिए।
  50. प्रश्न- पाचन, अभिशोषण व चयापचय में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  51. प्रश्न- आहार में दाल की उपयोगिता बताइए।
  52. प्रश्न- दूध में कौन से तत्व उपस्थित नहीं होते?
  53. प्रश्न- सोयाबीन का पौष्टिक मूल्य व आहार में इसका महत्व क्या है?
  54. प्रश्न- फलों से प्राप्त पौष्टिक तत्व व आहार में फलों का महत्व बताइए।
  55. प्रश्न- प्रोटीन की संरचना, संगठन बताइए तथा प्रोटीन का वर्गीकरण व उसका पाचन, अवशोषण व चयापचय का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- प्रोटीन के कार्यों, साधनों एवं उसकी कमी से होने वाले रोगों की विवेचना कीजिए।
  57. प्रश्न- 'शरीर निर्माणक' पौष्टिक तत्व कौन-कौन से हैं? इनके प्राप्ति के स्रोत क्या हैं?
  58. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कीजिए एवं उनके कार्य बताइये।
  59. प्रश्न- रेशे युक्त आहार से आप क्या समझते हैं? इसके स्रोत व कार्य बताइये।
  60. प्रश्न- वसा का अर्थ बताइए तथा उसका वर्गीकरण समझाइए।
  61. प्रश्न- वसा की दैनिक आवश्यकता बताइए तथा इसकी कमी तथा अधिकता से होने वाली हानियों को बताइए।
  62. प्रश्न- विटामिन से क्या अभिप्राय है? विटामिन का सामान्य वर्गीकरण देते हुए प्रत्येक का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  63. प्रश्न- वसा में घुलनशील विटामिन क्या होते हैं? आहार में विटामिन 'ए' कार्य, स्रोत तथा कमी से होने वाले रोगों का उल्लेख कीजिये।
  64. प्रश्न- खनिज तत्व क्या होते हैं? विभिन्न प्रकार के आवश्यक खनिज तत्वों के कार्यों तथा प्रभावों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- शरीर में लौह लवण की उपस्थिति, स्रोत, दैनिक आवश्यकता, कार्य, न्यूनता के प्रभाव तथा इसके अवशोषण एवं चयापचय का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- प्रोटीन की आवश्यकता को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
  67. प्रश्न- क्वाशियोरकर कुपोषण के लक्षण बताइए।
  68. प्रश्न- भारतवासियों के भोजन में प्रोटीन की कमी के कारणों को संक्षेप में बताइए।
  69. प्रश्न- प्रोटीन हीनता के कारण बताइए।
  70. प्रश्न- क्वाशियोरकर तथा मेरेस्मस के लक्षण बताइए।
  71. प्रश्न- प्रोटीन के कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- भोजन में अनाज के साथ दाल को सम्मिलित करने से प्रोटीन का पोषक मूल्य बढ़ जाता है।-कारण बताइये।
  73. प्रश्न- शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता और कार्य लिखिए।
  74. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत बताइये।
  75. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट्स का वर्गीकरण कीजिए (केवल चार्ट द्वारा)।
  76. प्रश्न- यौगिक लिपिड के बारे में अतिसंक्षेप में बताइए।
  77. प्रश्न- आवश्यक वसीय अम्लों के बारे में बताइए।
  78. प्रश्न- किन्हीं दो वसा में घुलनशील विटामिन्स के रासायनिक नाम बताइये।
  79. प्रश्न बेरी-बेरी रोग का कारण, लक्षण एवं उपचार बताइये।
  80. प्रश्न- विटामिन (K) के के कार्य एवं प्राप्ति के साधन बताइये।
  81. प्रश्न- विटामिन K की कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- एनीमिया के प्रकारों को बताइए।
  83. प्रश्न- आयोडीन के बारे में अति संक्षेप में बताइए।
  84. प्रश्न- आयोडीन के कार्य अति संक्षेप में बताइए।
  85. प्रश्न- आयोडीन की कमी से होने वाला रोग घेंघा के बारे में बताइए।
  86. प्रश्न- खनिज क्या होते हैं? मेजर तत्व और ट्रेस खनिज तत्व में अन्तर बताइए।
  87. प्रश्न- लौह तत्व के कोई चार स्रोत बताइये।
  88. प्रश्न- कैल्शियम के कोई दो अच्छे स्रोत बताइये।
  89. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  90. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  91. प्रश्न- “भाप द्वारा पकाया भोजन सबसे उत्तम होता है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  92. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  95. प्रश्न- मानव विकास को परिभाषित करते हुए इसकी उपयोगिता स्पष्ट करो।
  96. प्रश्न- मानव विकास के अध्ययन के महत्व की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
  97. प्रश्न- वंशानुक्रम से आप क्या समझते है। वंशानुक्रम का मानवं विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  98. प्रश्न . वातावरण से क्या तात्पर्य है? विभिन्न प्रकार के वातावरण का मानव विकास पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए।
  99. प्रश्न . विकास एवं वृद्धि से आप क्या समझते हैं? विकास में होने वाले प्रमुख परिवर्तन कौन-कौन से हैं?
  100. प्रश्न- विकास के प्रमुख नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा कीजिए।
  101. प्रश्न- वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन की परिभाषा तथा आवश्यकता बताइये।
  103. प्रश्न- पूर्व-बाल्यावस्था में बालकों के शारीरिक विकास से आप क्या समझते हैं?
  104. प्रश्न- पूर्व-बाल्या अवस्था में क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
  105. प्रश्न- मानव विकास को समझने में शिक्षा की भूमिका बताओ।
  106. प्रश्न- बाल मनोविज्ञान एवं मानव विकास में क्या अन्तर है?
  107. प्रश्न- वृद्धि एवं विकास में क्या अन्तर है?
  108. प्रश्न- गर्भकालीन विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-सी हैं? समझाइए।
  109. प्रश्न- गर्भकालीन विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक कौन से है। विस्तार में समझाइए |
  110. प्रश्न- गर्भाधान तथा निषेचन की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए भ्रूण विकास की प्रमुख अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।.
  111. प्रश्न- गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
  112. प्रश्न- प्रसव कितने प्रकार के होते हैं?
  113. प्रश्न- विकासात्मक अवस्थाओं से क्या आशर्य है? हरलॉक द्वारा दी गयी विकासात्मक अवस्थाओं की सूची बना कर उन्हें समझाइए।
  114. प्रश्न- "गर्भकालीन टॉक्सीमिया" को समझाइए।
  115. प्रश्न- विभिन्न प्रसव प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं? किसी एक का वर्णन कीएिज।
  116. प्रश्न- आर. एच. तत्व को समझाइये।
  117. प्रश्न- विकासोचित कार्य का अर्थ बताइये। संक्षिप्त में 0-2 वर्ष के बच्चों के विकासोचित कार्य के बारे में बताइये।
  118. प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
  119. प्रश्न- नवजात शिशु की पूर्व अन्तर्क्रिया और संवेदी अनुक्रियाओं का वर्णन कीजिए। वह अपने वाह्य वातावरण से अनुकूलन कैसे स्थापित करता है? समझाइए।
  120. प्रश्न- क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते है? क्रियात्मक विकास का महत्व बताइये |
  121. प्रश्न- शैशवावस्था तथा स्कूल पूर्व बालकों के शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास से आपक्या समझते हैं?
  122. प्रश्न- शैशवावस्था एवं स्कूल पूर्व बालकों के सामाजिक विकास से आप क्यसमझते हैं?
  123. प्रश्न- शैशवावस्थ एवं स्कूल पूर्व बालकों के संवेगात्मक विकास के सन्दर्भ में अध्ययन प्रस्तुत कीजिए।
  124. प्रश्न- शैशवावस्था क्या है?
  125. प्रश्न- शैशवावस्था में संवेगात्मक विकास क्या है?
  126. प्रश्न- शैशवावस्था की विशेषताएं क्या हैं?
  127. प्रश्न- शैशवावस्था में शिशु की शिक्षा के स्वरूप पर टिप्पणी लिखो।
  128. प्रश्न- शिशुकाल में शारीरिक विकास किस प्रकार होता है।
  129. प्रश्न- शैशवावस्था में मानसिक विकास कैसे होता है?
  130. प्रश्न- शैशवावस्था में गत्यात्मक विकास क्या है?
  131. प्रश्न- 1-2 वर्ष के बालकों के संज्ञानात्मक विकास के बारे में लिखिए।
  132. प्रश्न- बालक के भाषा विकास पर टिप्पणी लिखिए।
  133. प्रश्न- संवेग क्या है? बालकों के संवेगों का महत्व बताइये।
  134. प्रश्न- बालकों के संवेगों की विशेषताएँ बताइये।
  135. प्रश्न- बालकों के संवेगात्मक व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं समझाइये |
  136. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते है। पियाजे के संज्ञानात्मक विकासात्मक सिद्धान्त को समझाइये।
  137. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  138. प्रश्न- दो से छ: वर्ष के बच्चों का शारीरिक व माँसपेशियों का विकास किस प्रकार होता है? समझाइये।
  139. प्रश्न- व्यक्तित्व विकास से आपका क्या तात्पर्य है? बच्चे के व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
  140. प्रश्न- भाषा पूर्व अभिव्यक्ति के प्रकार बताइये।
  141. प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है?
  142. प्रश्न- बाल्यावस्था की विशेषताएं बताइयें।
  143. प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में खेलों के प्रकार बताइए।
  144. प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे अपने क्रोध का प्रदर्शन किस प्रकार करते हैं?

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